भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा निर्मित एक भारतीय मौसम विज्ञान उपग्रह है। यह INSAT-3DS मिशन का अनुवर्ती है, जिसे इसरो के 17 फरवरी 2024, 17:35 IST, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है|
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INSAT-3DS क्या है?
INSAT-3DS, “भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली – 3DS” का संक्षिप्त नाम है, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लॉन्च किया गया एक उन्नत मौसम उपग्रह है। यह 17 फरवरी 2024 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV Mk II रॉकेट द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
INSAT-3DS की विशेषताएं:
- उद्देश्य: मौसम संबंधी जानकारी, मौसम पूर्वानुमान, भूमि और महासागर सतहों की निगरानी और आपदा से जुड़ी चेतावनियां प्रदान करना।
- लॉन्च: 17 फरवरी 2024, 17:35 IST, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा
- वजन: 2,216 किलोग्राम
- कक्षा: भूस्थिर कक्षा (Geostationary Orbit)
- उपकरण:
- इमेजर: 19 IR चैनल और 6 दृश्यमान चैनल
- साउंडर: 14 चैनल
- डेटा रिले ट्रांसपोंडर: 2
- उन्नत इमेजिंग: यह उपग्रह 6 चैनलों के साथ एक इमेजर (IMAGER) ले जाता है जो दृश्य और अवरक्त प्रकाश में पृथ्वी की छवियां प्रदान करता है।
- वायुमंडलीय माप: इसमें 19 चैनलों के साथ एक साउंडर (SOUNDER) है जो वायुमंडल की ऊर्ध्वाधर संरचना और तापमान, दबाव, आर्द्रता, ओजोन और अन्य महत्वपूर्ण वायुमंडलीय घटकों की जानकारी प्रदान करता है।
- डेटा रिले: इसमें डेटा रिले ट्रांसपोंडर (DRT) भी शामिल हैं जो मौसम डेटा, आपदा चेतावनी और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं को पृथ्वी स्टेशनों तक पहुंचाते हैं।
- बेहतर कवरेज: यह उपग्रह भारत और उसके आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कवरेज प्रदान करता है, जिसमें हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी भी शामिल हैं।
INSAT-3DS Amit Shah Twitter
Congratulations to our @isro scientists on the successful launch of the advanced meteorological satellite, INSAT-3DS today.
— Amit Shah (@AmitShah) February 17, 2024
The third-generation apparatus will bolster Bharat's might in battling natural calamities with precision. It is a giant step towards realizing PM Shri… pic.twitter.com/FkRdv03d0s
INSAT-3DS के लाभ:
- बेहतर मौसम पूर्वानुमान: यह उपग्रह अधिक सटीक और समय पर मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने में मदद करेगा।
- आपदा प्रबंधन: यह उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं जैसे तूफान, बाढ़, सूखा आदि के बारे में पहले से चेतावनी प्रदान करने में मदद करेगा।
- जल संसाधन प्रबंधन: यह उपग्रह जल संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन में मदद करेगा।
- कृषि: यह उपग्रह किसानों को फसल की स्थिति और मौसम की जानकारी प्रदान करके बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा।
INSAT-3DS भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपग्रह है जो मौसम संबंधी जानकारी और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अतिरिक्त जानकारी:
- INSAT-3DS का जीवनकाल 10 वर्ष है।
- यह उपग्रह 36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित है।
- इस उपग्रह का निर्माण ISRO के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC) द्वारा किया गया था।
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